छत्तीसगढ़
हिंदी साहित्य [ जापानी विधा ] की धरोहर
छत्तीसगढ़ बनने [०१ नवम्बर २००० ] के बाद की सर्वप्रथम कृति –
१ मईनसे के पीरा - प्रदीप कुमार दाश ‘ दीपक ‘ सांकरा - रायगढ़
[ छत्तीसगढ़ी हाइकु
संग्रह ] वर्ष २०००
२ रूढ़ियों का आकाश – प्रदीप कुमार दाश - रायगढ़
[ सेनरियू संग्रह
] 2003
माण्डवी प्रकाशन – ग़ाज़ियाबाद ,
रु. ३५ /- , पृष्ठ – १६
आशीर्वचन – श्री मनु भारद्वाज जी,
निदेशक / संपादक मांडवी प्रकाशन
३ रोली अक्षत -
रमेश कुमार सोनी ,बसना
[ हिंदी हाइकु एकल संग्रह ]
२००४
वैभव प्रकाशन – रायपुर [ छत्तीसगढ़ ]
रु. १०० /- पृष्ठ – ८०
आशीर्वचन/ भूमिका –
१ श्री शम्भूशरण द्विवेदी
‘बंधु’ जी रायबरेली
२ डॉक्टर सुधा गुप्ता जी – मेरठ
४ सुधियों की कंदील-
देवेन्द्र नारायण दाश,बसना
[ सेदोका संग्रह ] २०१३
निरुपमा प्रकाशन – मेरठ ,
रु. – ६०/- , पृष्ठ – ४०
आशीर्वचन / भूमिका –
१ डॉक्टर सुधा गुप्ता जी – मेरठ
२ डॉक्टर रामेश्वर काम्बोज
‘हिमांशु’ जी- नई दिल्ली
५ सहमी सी जिंदगी
देवेन्द्र नारायण दाश,बसना
[ तांका संग्रह ] २०१४
अग्रवाल ऑफसेट – बसना ,
रु.- ८०/- , पृष्ठ – ४०
भूमिका -
डॉक्टर सुधा गुप्ता जी – मेरठ
संकलनकर्ता -
रमेश कुमार सोनी
बसना - छत्तीसगढ़
बसना - छत्तीसगढ़
Bachapan yaad agayi sir apaki rachnayen padhakar.
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